अगर सतीश वर्मा दोषी तो अभितेंद्र तिवारी क्यों नहीं?
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तत्कालीन डीजीएम संजय वर्मा की रिपोर्ट के बावजूद आखिर क्यों नहीं की गई कार्यवाही
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यह जीएम की मनमानी और तानाशाही नहीं तो और क्या है
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कुछ समय पूर्व जिला सहकारी बैंक लिमिटेड की शाखा जलालाबाद में तैनाती के दौरान प्रबंधक अभितेंद्र तिवारी ने अल्हागंज के ऋण इसी शाखा से कर दिए थे। मामले की जांच हुई जांच अधिकारी तत्कालीन डीजीएम संजय वर्मा ने अभितेंद्र तिवारी को दोषी पाते हुए कार्यवाही की संस्तुति भी कर दी थी, बैंक जीएम ने मामला दबा दिया। एक ही बैंक में दो अलग-अलग प्रकार की नीति अपनाया जाना मनमानी और तानाशाही को साफ झलकता है। किस प्रकार अभितेंद्र तिवारी को बचाया गया और सतीश वर्मा को निलंबित कर दिया गया। सहकारिता मंत्री के जिले में जीएम की तानाशाही और मनमानी साफ परीलक्षित होती है।
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