जिला सहकारी बैंक में कार्यवाही को लेकर हो रही मनमानी सवालों के घेरे में
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अपने चहेते प्रबंधक अभितेंद्र तिवारी को तत्कालीन डीजीएम संजय वर्मा की संस्तुति के बाद भी बचाया
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सतीश वर्मा को निलंबित कर दिया और दी जाती थी फंड जप्त करने की धमकी
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शाखाओं पर निजी वाहन से भेजा जा रहा है कैश, जीएम के रिश्तेदार की गाड़ी लगी बैंक में
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जिला सहकारी बैंक के जीएम सौरभ द्विवेदी की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान उठने शुरू हो गए हैं। कर्मचारियों का उत्पीड़न और मनमाने तरीके से काम लेने से कर्मचारी त्रस्त हो उठे हैं। बैंक में कर्मचारियों के प्रति दोहरी नीति अपनाई जा रही है। कुछ कर्मचारियों से एक साथ चार-चार कर्मचारियों का कार्य लिया जा रहा है तो किसी को घर पर बैठा कर तनख्वाह दी जा रही है। इसके अलावा कार्यवाही किए जाने में भी जीएम पूरी तरह से मनमानी पर उतारू हैं। ऋण वितरण में शिकायत मिलने पर सतीश वर्मा को तो निलंबित कर दिया। जबकि अभितेंद्र तिवारी के खिलाफ जांच में तत्कालीन डीजीएम संजय वर्मा की स्पष्ट संस्तुति के बाद भी आखिर किसी विशेष अधिकार के तहत बचा लिया गया। गौरतलब बात यह भी है कि सौरभ द्विवेदी यहां बतौर डीजीएम नियुक्त हुए थे। उन्हें पदोन्नति देकर जीएम की भी नियुक्ति यहीं दे दी गई। बैंक के लिए कार्य कर रहीं एक संस्था से अपने खाते में डायरेक्ट पैसा मंगाने में भी इन्हें कोई हर्ज नहीं है। यदि इनके खाते की निष्पक्ष जांच हो जाए तो हकीकत सामने आ सकती है।
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