**सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भावलखेड़ा में डॉक्टरों की मनमानी, मरीजों को मिल रही परेशानी**
शाहजहांपुर। जनपद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भावलखेड़ा में मरीजों को इलाज की जगह बेहाली और लापरवाही का सामना करना पड़ रहा है। डॉक्टरों की मनमानी इतनी हद तक बढ़ गई है कि वे मरीजों की पर्ची देखना भी जरूरी नहीं समझते। दिनांक 01 जुलाई 2025 को पवन कुमार अपने दो साल के बेटे आरुष राजपूत को लेकर अस्पताल पहुंचे, लेकिन डॉक्टर ने बिना पर्चा देखे उन्हें सीधे 26 नंबर कमरे में भेज दिया। जब वहां महिलाओं की लंबी कतार देख वापस लौटे, तो डॉक्टर ने दोबारा लाइन में लगने को कहा। जब पवन ने सवाल किया कि बिना पर्चा देखे मरीजों को क्यों दौड़ाया जा रहा है, तो डॉक्टर ने बेहयाई से जवाब दिया – "मैं पर्चा नहीं, मरीज देखता हूं।"
यह व्यवहार न सिर्फ गैरजिम्मेदाराना है बल्कि सरकारी सेवा की मूल भावना के भी खिलाफ है। पर्चा केवल औपचारिकता नहीं, मरीज की पहचान और प्राथमिक जानकारी का जरिया होता है। डॉक्टरों की यह उपेक्षा मरीजों को घंटों अस्पताल में भटकने पर मजबूर कर रही है। स्थानीय लोगों ने मांग की है कि ऐसे लापरवाह डॉक्टरों पर तत्काल कार्रवाई की जाए और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भावलखेड़ा की व्यवस्था में सुधार लाया जाए।