ग्रेटर नोएडा के अधिसूचित क्षेत्रों में अवैध निर्माण कर जमीन पर कब्जा करने वालों की अब खैर नहीं।

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ग्रेटर नोएडा के अधिसूचित क्षेत्रों में अवैध निर्माण कर जमीन पर कब्जा करने वालों की अब खैर नहीं। ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने ऐसे मामलों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए पुलिस और प्रशासन के साथ मिलकर बड़ी कार्रवाई की तैयारी कर ली है। प्राधिकरण ने यह भी स्पष्ट किया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में यदि कोई अवैध निर्माण पाया गया, तो वहां पर बुलडोजर चलाने में भी देरी नहीं की जाएगी।


प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार, ग्रेटर नोएडा के अधिसूचित क्षेत्र में बिना अनुमति निर्माण करना पूरी तरह अवैध है। प्राधिकरण किसानों से जमीन लेकर मास्टर प्लान के अनुसार क्षेत्र का विकास करता है, जिसमें सड़क, बिजली, पानी, सीवर, ग्रीन बेल्ट और अन्य बुनियादी सुविधाएं शामिल हैं। इस योजना में उद्योग, आवास, शिक्षा संस्थान, अस्पताल, वाणिज्यिक परिसर आदि का प्रावधान रहता है।


प्राधिकरण मास्टर प्लान के अनुसार अनुमान लगाकर क्षेत्र की आबादी और जरूरत के अनुसार इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करता है। मगर कुछ भूमाफिया ग्रेटर नोएडा के गांवों या विकासशील क्षेत्रों में अनधिकृत कॉलोनियों को बसाने की कोशिश कर रहे हैं और वहां बिना नक्शा पास कराए घरों का निर्माण कर रहे हैं। कई लोग इन निर्माणों को जरूरत बताकर गरीबों को ठग भी रहे हैं। इसके साथ ही वे अवैध निर्माण कर मोटी कमाई भी कर रहे हैं।


प्राधिकरण की ओर से बार-बार लोगों को चेतावनी दी जाती रही है कि वे बिना अनुमति किसी भी प्रकार का निर्माण न करें। इसके बावजूद कई लोग नियमों को ताक पर रखकर अवैध निर्माण करने से बाज नहीं आ रहे हैं। इसके मद्देनजर अब प्राधिकरण ने पुलिस और प्रशासन के सहयोग से सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है।


जून-जुलाई माह में करीब 20 साइट्स पर बड़ी कार्रवाई प्रस्तावित है, जहां बुलडोजर चलाने की तैयारी कर ली गई है। प्राधिकरण की सीईओ सुनीता यादव ने कहा, “ग्रेटर नोएडा के अधिसूचित क्षेत्र में किसी भी प्रकार का अवैध निर्माण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अब जमीन पर कब्जा करने वालों के खिलाफ सख्त और निरंतर कार्रवाई होगी।”


सूत्रों के अनुसार, पूरे अभियान को चरणबद्ध तरीके से अंजाम दिया जाएगा। पहले चरण में चिन्हित क्षेत्रों में नोटिस जारी किए जा रहे हैं और फिर मशीनरी के माध्यम से अवैध निर्माण को हटाया जाएगा। प्रशासन का कहना है कि जो लोग प्लॉट खरीदने या निर्माण की योजना बना रहे हैं, वे पहले प्राधिकरण से संपर्क कर अनुमति लें अन्यथा उनके निवेश पर संकट आ सकता है।


प्राधिकरण द्वारा आम नागरिकों से अपील की गई है कि वे किसी भी प्लॉट को खरीदने से पहले उसकी वैधता की जांच करें और प्राधिकरण से मंजूरी प्राप्त प्लॉट में ही निवेश करें।


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