. 15 मार्च के बजाय अप्रैल बीतने तक नहीं पहुँच पायी विद्यालयों तक किताबें

15 मार्च के बजाय अप्रैल बीतने तक नहीं पहुँच पायी विद्यालयों तक किताबें

India100news



*एक माह बीता , नहीं पहुँची स्कूलों में किताबें , स्कूल चलो अभियान को पलीता लगाने पर उतारू खण्ड शिक्षा अधिकारी प्रभात श्रीवास्तव* 


- मार्च के पूर्व ही विद्यालयों तक पहुँच जानी थी पुस्तकें , महानिदेशक के आदेश को ठेंगा दिखा रहे जिम्मेदार


-15 मार्च के बजाय अप्रैल बीतने तक नहीं पहुँच पायी विद्यालयों तक किताबें 


       बस्ती संवाददाता -  परिषदीय विद्यालयों के शैक्षिक सत्र का एक माह समाप्त हो गया परन्तु स्कूलों तक किताबें अभी तक नहीं पहुँच पायी हैं जबकि महानिदेशक स्कूल शिक्षा का स्पष्ट आदेश है कि विद्यालयों में किताबें 15 मार्च के पूर्व ही पहुँच जाएँ ताकि o1 अप्रैल से सत्र शुरू होते ही उनका वितरण हो सके यहाँ तो सत्र का एक माह समाप्त हो गया किताबों के वितरण की बात कौन करे स्कूलों तक किताबें पहुँच ही नहीं पायी हैं ।

        मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र / छात्राओं को निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें वितरित किए जाने का प्रावधान है । महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने आदेश जारी कर 15 मार्च तक ही स्कूलों तक किताबों को भेज दिए जाने का फरमान जारी किया है जबकि शिक्षा सत्र का एक माह भी गुजर गया और किताबों के वितरण की बात दूर रही अभी तक स्कूलों तक किताबें पहुँच ही नहीं पायी हैं । वैसे भी मानक विहीन मान्यता के चलते परिषदीय विद्यालयों में नामांकन क्रमिक रूप से घट रहा है फिर दूसरी तरफ जिम्मेंदारों की संवादहीनता के चलते शिक्षा सत्र का एक माह बीत गया परन्तु स्कूलों तक किताबें न पहुँच पाना निश्चित रूप से बेसिक शिक्षा की साख पर बट्टा लग रहा है।

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