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बिजली निजीकरण से पहले ही हटाए जा रहे आउटसोर्स कर्मचारी

 

बिजली निजीकरण से पहले ही हटाए जा रहे आउटसोर्स कर्मचारी

लखनऊ : दो डिस्काम के निजीकरण के विरोध में विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति के आह्वान पर शुक्रवार को लगातार चौथे दिन कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराया। समिति ने आरोप लगाया कि निजीकरण के बाद बड़े पैमाने पर बिजली कर्मचारियों और अभियंताओं की छंटनी होगी। निजीकरण के पहले ही आउटसोर्स कर्मियों को हटाया जा रहा है।समिति के पदाधिकारी राजीव सिंह ने कहा कि निजीकरण के विरोध में काली पट्टी बांधने का अभियान शनिवार को भी जारी रहेगा। निजीकरण के बाद बिजली कर्मियों, जूनियर इंजीनियरों और अभियंताओं की बड़े पैमाने पर छंटनी होने वाली है। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में कर्मचारियों के 44,330 पद और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम में 33,161 पद हैं। निजीकरण के बाद यह 77,491 पद समाप्त हो जाएंगे। इनमें 50 हजार संविदा कर्मी, 23,818 टेक्नीशियन और अन्य कर्मचारी, 2154 जूनियर इंजीनियर और 1518 अभियंताओं के पद हैं। निजीकरण से पहले ही संविदा कर्मियों की छंटनी से बिजली कर्मियों में भारी गुस्सा है।