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शांतिकुंज से आई यज्ञ की टोली का घर-घर हुआ स्वागत सत्कार,गायत्री परिवार की पत्रिका अखंड ज्योति के उदाहरण देकर अच्छे लोगों का महत्व समझाया*


*शांतिकुंज से आई यज्ञ की टोली का घर-घर हुआ स्वागत सत्कार,गायत्री परिवार की पत्रिका अखंड ज्योति के उदाहरण देकर अच्छे लोगों का महत्व समझाया*

उरई(जालौन)। शांतिकुंज हरिद्वार से आई टोली का उरई नगर में अनेक गायत्री परिजनों द्वारा भव्य स्वागत सत्कार किया गया। इसी क्रम में गायत्री शक्तिपीठ के दर्शन के बाद वरिष्ठ गायत्री परिजन व समर्पित कार्यकर्ता राजेश गुप्ता के आवास पर शांतिकुंज की टोली का स्वागत  सत्कार परिवार के सदस्य निधि गुप्ता, साधना गुप्ता, अमित गुप्ता, नरेंद्र गुप्ता, कृष्ण गुप्ता और राजेश गुप्ता आदि गायत्री परिजनों ने किया। घर के दरवाजे पर निधि गुप्ता एवं साधना गुप्ता ने रंगोली बनाकर तिलक वंदन व पुष्प वर्षा कर गायत्री मंत्र के ध्वनि द्वारा स्वागत सत्कार किया।  जहां उनके परिवार में स्वलपाहार के स्वागत के दौरान पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य की प्रकाशित पत्रिका अखंड ज्योति का उद्धरण देते हुए कहा कि अब युग की रचना के लिए ऐसे व्यक्तियों की ही आवश्यकता है। जो वाचलता और प्रोपेगैण्डा से दूर रहकर अपने जीवन को प्रखर एवं तेजस्वी बनाकर अनुकरणीय आदर्श उपस्थित करें। जिस तरह चंदन का वृक्ष आसपास के पेड़ों को सुगन्धित कर देता है, उसी प्रकार अपनी उत्कृष्टता से अपना समीपवर्ती वातावरण भी सुरभित कर सकें। अपने प्रकाश से अनेकों को प्रकाशवान कर सकें। धर्म को आचरण में लाने के लिए निसंदेह बड़े साहस और बड़े विवेक की आवश्यकता होती है। कठिनाइयों का मुकाबला करते हुए धैर्य और निष्ठापूर्वक बढ़ते चलना मनस्वी लोगों का काम है। ओछे और कायर मनुष्य दस-पांच कदम चलकर ही लड़खड़ा जाते हैं। किसी के द्वारा आवेश या उत्साह उत्पन्न किए जाने पर थोड़े समय श्रेष्ठता के मार्ग पर चलते हैं। पर जैसे ही आलस्य प्रलोभन या कठिनाई का छोटा-मोटा अवसर आया कि बालू की भीत की तरह औंधे मुंह गिर पड़ते हैं।