शाहजहांपुर ---उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों के अजब गजब कारनामे, जिला शाहजहांपुर के जिलाधिकारी महोदय को FIR दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया
जिलाधिकारी महोदय ने उपजिलाधिकारी महोदय को भेज दिया, उपजिलाधिकारी महोदय ने तहसीलदार महोदय को, तहसीलदार महोदय ने रजिस्ट्रार कानूनगो को, रजिस्ट्रार कानूनगो ने उपजिलाधिकारी महोदय जलालाबाद को ,अब मज़े की बात है कि सभी ने देखा/पढ़ा, सबने सीन किया लेकिन पीड़ित को अभी तक FIR की कापी नहीं दी गई, पता नहीं उपजिलाधिकारी महोदय कुछ पढ़कर हस्ताक्षर करते हैं या बिना पढ़े या स्टेनो कुछ छिपाते हैं, लेकिन अधिकारी को तो पढ़ना चाहिए,एक गलत हस्ताक्षर पीड़ित को न्याय से हमेशा के लिए वंचित कर देता है, अब और मजे की बात जिलाधिकारी महोदय को भी कोई जानकारी नहीं कि कि किसी पीड़ित ने FIRके लिए आवेदन दिया है,तो FIR दर्ज़ हुई या नहीं, अगर FIR दर्ज नहीं हुई तो इसकी जिम्मेदारी किसकी है पीड़ित ने आवेदन जिलाधिकारी महोदय को दिया, कौन जिम्मेदार है, पीड़ित को FIR की कापी नहीं दी गई? कौन पीड़ित को FIR की कापी देगा? जब एक जिलाधिकारी महोदय शाहजहांपुर पीड़ित की एक FIR दर्ज नहीं करा पा रहे हैं तो एक आम आदमी आज कैसे कैसे न्याय के लिए भटक रहा है, सरकारी दस्तावेज गायब कैसे हो गया जब 2012 तक कार्यालय में मौजूद था? पीड़ित को दस्तावेज की सख्त आवश्यकता है, उपजिलाधिकारी महोदय ने बिना जानकारी प्राप्त किए मामले को सीन किया या स्टेनो ने कुछ छिपाते हुए मामले को सीन करवा लिया, पीड़ित ने उपजिलाधिकारी महोदय और स्टैनो से सम्पर्क किया लेकिन कोई कार्यवाही सम्बंधित दस्तावेज नहीं दिखाया गया, कोई FIR की कापी पीड़ित को नहीं दी गई,जिलाधिकारी महोदय शाहजहांपुर गम्भीरता से मामले को संज्ञान में लेने का कष्ट करें