छत्तीसगढ़ चिरमिरी
चिरमिरी के व्यवहार न्यायालय मैं नेशनल लोक अदालत का लगा कैंप
छत्तीसगढ़ के एमसीबी जिले के चिरमिरी व्यवहार न्यायालय में आज लोक अदालत का कैंप लगाया गया था जिसमें कई मामले संबंधित थे विभाग के मामलों का निराकरण हुआ और विभाग को बकाए पैसे की भी वसूली काफी बड़ी संख्या में हुई इस कैंप में भारतीय स्टेट बैंक सेंट्रल बैंक ग्रामीण बैंक के अलावा नगर पालिका निगम चिरमिरी विद्युत विभाग से संबंधित कई प्रकरणों का निराकरण हो पाया इस संबंध में नगर पालिका निगम चिरमिरी के राम बिहारी शर्मा राजस्व विभाग सहायक निरीक्षक ने बताया कि कुल 2011 प्रकरण आए थे जिसमें 48 प्रकरण का निराकरण हुआ जिससे निगम को 1 लाख 52 हजार 343 रुपए निगम के खाते में जमा किए गए इस बारे में पूछे जाने पर कि यह प्रकरण कब से लंबित है तो उन्होंने बताया कि 10 साल 5 साल 8 साल से मामले लंबित पड़े हुए हैं जो सामान श्रेणी के लोग हैं वह अपना कर जमा कर दिए हैं वहीं कुछ लोग जिनके ऊपर लाखों रुपए कर के बाकी है वह अभी तक जमा नहीं किए हैं पानी और जल कर के मामले हैं जिसका निराकरण होना बाकी है जिसके लिए वार्ड में कैंप लगाकर लोगों को जागरुक कर कर की वसूली के लिए उन्हें सूचित किया जाएगा मीडिया के पूछे जाने पर क्या जनता को जो अधिभार लगता है उसे कैसे छूट मिलेगी इस संबंध में निगम के कर्मचारियों ने कहा कि निगम की एमआईसी की बैठक में निर्णय लिया जाएगा इस संबंध में समर सिंह अधिवक्ता व्यवहार न्यायालय चिरमिरी अधिवक्ता का कार्य करते हैं उन्होंने लोक अदालत के बारे में बताते हुए मीडिया के माध्यम से अपनी बात कही कि यहां नेशनल लोक अदालत हर तीन माह में लगाया जाता है उन्होंने बताया कि काफी लंबे समय से कुछ ऐसे प्रकरण है जिससे आपसी समझौता कर निराकरण किया जा सकता है आज न्यायालय में संबंधित विभाग से 30 से 35 प्रकरणों का निराकरण आपसी समझौता के आधार पर खत्म किया गया जिसमें सबसे अधिक प्रकरण नगर पालिका निगम चिरमिरी के खत्म किए गए हैं मैं नगर पालिका निगम चिरमिरी के कमिश्नर से बात करूंगा की जो जनता को अधिभार पड़ रहा है उसे आपसी समझौता के आधार पर खत्म किया जाए जिससे जनता को अधिभार भी ना पड़े और निगम को पैसा जमा करने में लोगों को कोई परेशानी ना हो सके उन्होंने मीडिया के माध्यम से कहा कि लोगों को जागरूक करना होगा और जो अधिभार बिजली विभाग और निगम को अधिभार विभाग द्वारा वसूला जाता है तो इन विभाग से आपसी समझौता के आधार पर खत्म करना होगा तभी न्यायालय में जो प्रकरण काफी लंबे समय से चल रहे हैं उसमें कमी आएगी और आपसी समझौता से सरकार को भी लाखों का कर की वसूली होगी