***प्रशिक्षण वर्ग में संगठन मंत्री श्री हरिशंकर का ओजस्वी संबोधन***
---संस्कृत देववाणी है – प्रत्येक बालक में संस्कृत के प्रति रुचि जागृत करें : हरिशंकर----
----योग केवल रोगियों के लिए नहीं,अपितु निरोगी जीवन की कुंजी है : हरिशंकर जी----
शाहजहाँपुर, –
#संजय कुमार सरस्वती विद्या मंदिर इण्टर कॉलेज, शाहजहाँपुर में चल रहे योग, संगीत एवं संस्कृत प्रशिक्षण वर्ग के अंतर्गत आज के वंदना सत्र में विद्या भारती ब्रज प्रदेश के संगठन मंत्री श्रीमान हरिशंकर जी एवं प्रदेश निरीक्षक श्री यशवीर जी मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए। उनका आगमन पूरे परिसर को प्रेरणा और ऊर्जा से भर गया।
#कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक मंत्रों एवं मंगलाचरण से हुआ, जिसके उपरांत विद्यालय के उप प्रधानाचार्य बसंत कुमार त्रिवेदी ने मंच पर उपस्थित अतिथियों का स्वागत किया गया। इस अवसर पर संगठन मंत्री श्री हरिशंकर जी ने अपने सारगर्भित भाषण में कहा:
“हमें संगठन की अपनी पद्धति पर ही चलना चाहिए। अपनी पद्धति के विषय में भ्रम होने पर हमें साहित्य पढ़ना चाहिए ।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना 1925 में हुई थी। लेकिन पुनर्गठन, शुद्धिकरण और राष्ट्र निर्माण का कार्य इससे बहुत पहले से चल रहा था।”
#उन्होंने कहा कि योग बीमार लोगों के लिए नहीं है बल्कि योग शरीर को निरोगी रखने के लिए है। अतः योग की कक्षा प्रत्येक विद्यालय में होनी चाहिए। साथ ही संस्कृत आचार्यों को प्रेरित करते हुए उन्होंने बताया कि संस्कृत भाषा देववाणी है जो सुख शांति के द्वार खोलती है अतः प्रत्येक बालक में संस्कृत अध्ययन के लिए रुचि उत्पन्न करनी चाहिए।
#अंत में उन्होंने बताया कि हमें रामायण, महाभारत, उपनिषद, पुराण, वेद आदि का ज्ञान अवश्य होना चाहिए। समाज में व्याप्त अराजकता का समाधान केवल आध्यात्मिक शिक्षा और आचरण से ही संभव है।”
श्री यशवीर जी ने भी प्रशिक्षु शिक्षकों को संबोधित करते हुए नैतिक शिक्षण, शुद्ध आचरण और भारतीय शिक्षा पद्धति की गरिमा को बनाए रखने का संदेश दिया।
कार्यक्रम में विद्यालय के समस्त समिति सदस्य एवं विद्यालय परिवार के सभी आचार्यगण उपस्थित रहे।