*"रमेश चंद साहू: पत्रकारिता के नाम पर महिलाओं को शिकार बनाने वाला शातिर फर्जी संपादक, क्या प्रशासन उठाएगा कदम?"*
*फर्जी संपादक मीडिया जगत को कर रहा है कलंकित!*
(खबरी लाल की खास रिपोर्ट)
लखनऊ। उत्तर-प्रदेश के ललितपुर जिले का रमेश चंद साहू, जिसे खुद को पत्रकारिता का ध्वजवाहक बनाने की ख्वाहिश थी, आज महिलाओं और युवतियों के जीवन के साथ खेल रहा है। पिता कोमलचंद साहू के बेटे ने खुद को एक प्रतिष्ठित संपादक बताकर अनगिनत महिलाओं को अपनी चालों में फंसाया और उन्हें झांसा देकर अपने शिकार बनाया।
रमेश चंद साहू की दास्तान सिर्फ उसकी दो शादियों तक सीमित नहीं है। उसकी पहली पत्नी रामकली साहू, दूसरी पत्नी उषा साहू और तीसरी पत्नी राधा सोनी हैं, लेकिन जो सच्चाई सामने आई है, वह केवल एक छोटा सा हिस्सा है। अब तक जिन तीन महिलाओं के नाम सामने आए हैं, वह केवल एक छोटी सी झलक हैं। इस शातिर फर्जी संपादक ने कई अन्य महिलाओं का जीवन बर्बाद किया होगा, जिसका खुलासा होना बाकी है।
इसी बीच, रमेश चंद साहू की तीसरी पत्नी राधा सोनी का मामला बेहद चौंकाने वाला है। राधा, जो मिर्जापुर के एक स्वर्णकार समाज की शादीशुदा महिला और एक बच्चे की मां थीं, को साहू ने पत्रकार बनने का झांसा देकर अपने मायाजाल में फंसा लिया। राधा साहू की प्रेमिका बन गई और अपना घर-बार छोड़कर उसे अपनी दुनिया बना लिया। आज भी राधा का पति उसे वापस पाने के लिए प्रशासन और शासन से गुहार लगा रहा है, लेकिन साहू के मायाजाल में फंसी राधा ने अपना परिवार छोड़ दिया और साहू की दुनिया में खो चुकी है।
रमेश चंद साहू ने मीडिया जगत का चोला पहनकर सैकड़ों युवतियों और महिलाओं के साथ शारीरिक और मानसिक शोषण किया है। यह शख्स महिलाओं का शोषण करने में इतने माहिर तरीके से काम करता है कि आशाराम जैसे लोग भी उसके सामने कुछ नहीं हैं। इसने पत्रकारिता के नाम पर समाज की प्रतिष्ठा को न केवल धूमिल किया है, बल्कि महिलाओं के प्रति उसकी क्रूरता ने सैकड़ों परिवारों को तोड़ दिया है।
अब समय आ गया है कि प्रशासन और पुलिस इस शातिर व्यक्ति के खिलाफ सख्त कदम उठाएं। उसे और उसके जैसे असामाजिक तत्वों को समाज से बाहर किया जाए और महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जाए। रमेश चंद साहू जैसे फर्जी संपादकों के द्वारा महिलाओं का शोषण करने की घटनाएं हमें यह याद दिलाती हैं कि समाज और पत्रकारिता के नाम पर अनैतिकता और धोखाधड़ी को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.